‘द बंगाल फ़ाइल्स’ अपडेट: 10वें दिन 1.15 करोड़ अर्जित, 15 करोड़ के निशाने पर कल के निकट

Hindi News Latest Live

द बंगाल फ़ाइल्स ने 10वें दिन 1.15 करोड़ रुपये की कमाई करके कुल 14.15 करोड़ के आस-पास पहुँचते हुए 15 करोड़ की सीमा का सामना किया है। यह रिलीज़, जिसका ओपनिंग 1.75 करोड़ रुपये था, लगातार एक समान दिन-प्रतिदिन की कमाई के साथ बाजार में अपनी जगह बनाने का प्रयास कर रही है।

10वें दिन का बॉक्स ऑफिस आँकड़ा और रूटीन

विवेक आग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने 1.15 करोड़ रुपये की दिनांकिक कमाई के साथ 14.15 करोड़ रुपये तक की कुल कमाई दर्ज की है। पहले सात दिन में 11.25 करोड़ रुपये की कुल आय हुई, जबकि आठवें से दसवें दिन तक की कमाई क्रमशः 0.55, 1.15 और 1.15 करोड़ रही। डिजिटल कंटेंट मोनेटाइजेशन के बढ़ते महत्व के बावजूद, यह फ़िल्म पारंपरिक लैटिन बॉक्स ऑफिस मॉडल पर निर्भर है।

बॉक्स ऑफिस रिपोर्टर के अनुसार, फ़िल्म के अनुरूप सफ़लता अब भी तुलनात्मक रूप से मामूली है – विशेष रूप से आधुनिक भारत के 70% शहरों में 15‑20 करोड़ के बीच की रेंज में सफलता अक्सर एडिटिव टिकट बिक्री और विविध राजस्व प्रवाह के साथ आती है। फ़िल्म उद्योग के विश्लेषक कहते हैं कि द बंगाल फ़ाइल्स की आय अन्य किचन फ़िल्मों की तरह तीव्र नहीं रही है, परंतु यह अभी भी समुचित प्री-ऑर्डर और ओवरहेड लागतों के साथ आगे बढ़ रही है।

डिजिटल स्ट्रीमिंग और मोनेटाइजेशन की नवीनतम प्रवृत्तियाँ

हाल के महीनों में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स ने बॉक्स ऑफिस के साथ गठबंधन करके नई कमाई की संभावनाएँ खोली हैं। OTT सेवाएँ जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, और ज़ीफ्लिक्स अब फ़िल्मों के लिए ‘पहला चरण’ चैनल बनती जा रही हैं, जिससे बॉक्स ऑफिस के अलावा भी लाभांश अर्जित किया जा सके।

  • क्लाउड-आधारित लाइसेंसिंग: सिनेमाघरों में रिलीज से बैकग्राउंड में OTT पर होल्ड की गई फ़िल्मों को प्रोमोशनल फ़नल के रूप में अंग्रेजी उभरी हुई है। सटीक डेटा अनुसार 2024 में भारतीय उत्पादों की डिजिटल लाइसेंसिंग से 12% राजस्व वृद्धि हुई।
  • सिंडिकेशन मॉडल: फ़िल्म निर्माता और स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स के बीच सिंडिकेशन डील्स जैसी अनूठी कमाई शैली विकसित हो रही है। उदाहरण के लिए, ‘बेल्ट एंड स्लिम’ और ‘पॉडकास्टिंग’ में अनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर निर्यात से लगभग 4 करोड़ रुपये की आय हुई।
  • इन-फ़िल्म विज्ञापन: ट्राइमी और बज़फೀಲ्ड द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, टारगेटेड इन‑फिल्म विज्ञापन से एक फ़िल्म की निवेश वापसी में 18% की बढ़ोतरी मान्यता मिली।

इन सभी के बावजूद, भारतीय बाज़ार में अभी भी बॉक्स ऑफिस राजस्व का एक जड़ वाला हिस्सा है। 2025 में, एक सर्वेक्षण के मुताबिक 65% दर्शक ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के बाद भी सिनेमा जाना पसंद करते हैं, जिससे ‘बॉक्स ऑफिस’ और ‘डिजिटल मोनेटाइजेशन’ का दोहरा पूंजीकरण अधिक संभावनापूर्ण है।

अंतरराष्ट्रीय छात्रों और वैश्विक दर्शकों के लिए मोनेटाइजेशन के अवसर

विदेशी छात्र और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच भारतीय फ़िल्मों की पहुँच बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स महत्वपूर्ण हैं। भारतीय फ़िल्म उद्योग के लिए यह एक दोगुनी विखंडी है – नागरिकों के लिए सस्ते थिएटर प्रवेश टिकट और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कम लागत वाली सदस्यता योजनाएँ। निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:

  • सबटाइटल और डबिंग विकल्प: प्लेटफ़ॉर्म्स पर फ़िल्मों को बहुभाषी सबटाइटल्स या वॉइसओवर्स के साथ अपलोड करके विश्वभर के दर्शक अपनी मातृभाषा में अनुभव कर सकते हैं। यह एंगेजमेंट बढ़ाता है।
  • अनुकूल सब्सक्रिप्शन फॉरमेट: छात्र-डिस्काउंट, हेफ़्टे, डाउनलोडेबल सत्र, और ऑफलाइन देखने के विकल्प छात्रों और विश्वविद्यालयों के लिए उपयुक्त हैं।
  • कंटेंट वर्टिकल से एक्सप्लेनेर फ्रॉमेंस: फ़िल्मी ट्रीटमेंट्स और परदे के पीछे की कहानियाँ वीडियो पारिशवों में बनाकर भूमिका बन सकती है। यह फैन बेस बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

डिजिटल मोनेटाइजेशन के इस डिजिटल सेक्टर का विकास यह दर्शाता है कि किस प्रकार बॉक्स ऑफिस के अलावा एक व्यापक यूरोपीय और एशियाई दर्शक आधार बनाने के लिये निम्न लागत वाले डिजिटल स्ट्रीमिंग मॉडल उपयुक्त हैं। वैश्विक छात्रों और फ़िल्म प्रेमियों के लिए यह कथन एक और अधिक जुड़ाव का प्रतीक बनता है।

सारांश और भविष्य की दिशा

‘द बंगाल फ़ाइल्स’ ने 10वें दिन अपनी कमाई को 1.15 करोड़ रुपये तक पहुँचाया है, यह रिपोर्ट बॉक्स ऑफिस की लगातार सूक्ष्म प्रगति को दर्शाती है। जब तक सोशल स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स फार्म्स जैसे नेटफ्लिक्स, अमेज़न, और ज़ीफ्लिक्स के साथ सहयोग आगे बढ़ेगा, फ़िल्मों के लिए ‘डिजिटल कंटेंट मोनेटाइजेशन’ एक अनिवार्य स्तंभ बन जायेगा।

उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि ₹15 करोड़ के लक्ष्य के समीप पहुँचने वाले फ़िल्मों के लिए डिजिटल मोनेटाइजेशन के साथ आय को बढ़ाने के नए आयाम खोलना अनिवार्य है, खासकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों और वैश्विक दर्शकों के लिए। इससे फ़िल्मों के समर्थकों को एक व्यापक और विविध प्लेटफ़ॉर्म मिलेगा, जिससे फ़िल्मों का राजस्व स्रोत और भी स्थिर और फायदेमंद बनेगा।

नमस्कार! मैं प्रवीन कुमार, एक पत्रकार और लेखक हूं। मैं राजनीति, मनोरंजन, खेल और तमाम बड़ी खबरों पर लिखता हूं। मेरी कोशिश रहती है कि आपको सही और सटीक जानकारी सरल भाषा में मिले।

Post Comment

You May Have Missed