रशिद तालिफ ने भारत के हैंडशेक टकराव की आलोचना की: ‘पाअलगाम से प्रेरणा, क्रिकेट में नहीं’

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ताज़ा समाचार: 15 सितंबर 2025 को घोषित एशिया कप 2025 के भारत-पाकिस्तान मैच के बाद, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रयास् तालिफ ने भारत के “हैंडशेक” न देने को कड़ी निंदा करते हुए कहा, “अगर यह बहलgam से संबंधित है, तो सैनिक युद्ध करें, खेल में मत लाएँ।” शेष दर्शक और क्रिकेट प्रशंसक इस राजनीतिक रुख पर उलझन में हैं।

मैच और शिष्टाचार पर विवाद

रविवार को दुबई में आयोजित ओवरसी व्योम में संयुक्त राष्ट्र सत्र के पश्चात हुए इस भिड़ंत में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया, 169/13 पर बाउलिंग खत्म करते हुए 25 गेंद बाकी रहे। यह जीत 200 एक-बैगती, भारत के 47वें एशिया कप खिताब के रूप में दर्ज हुई।

मैच के बाउंड्री में दोनों कप्तानों, शिवाजीशाही के सूरतिन यादव व सलमान अली आगा, ने टॉस के तुरंत बाद एक पारंपरिक ‘हैंडशेक’ से परहेज किया। दोनों ने मैच रेफरी ऐंडी पाईक्रॉफ़ को अपने टीम शीट्स सौंपते हुए परस्पर दृष्टि से टाल दिया।

अभियान के बाद, भारतीय कप्तान सूरतिन यादव ने अपनी गति से ‘सिक्स’ मारते हुए पीछे हटते हुए पाकिस्तान के खिलाड़ियों की ओर हाथ न बढ़ाते हुए cheering छोड़ दिया। यह कदम दोनों पक्षों में राजनीतिक डालगरी के दावे का कारण बना।

रयास् तालिफ की प्रतिक्रिया और बयान

“भारत की शिष्टाचार से सम्बंधित इस चाल ने मोड़ बना दिया है,” रयास् तालिफ ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ साक्षात्कार में कहा। “यह विषय पका हुआ मुद्दा है, लेकिन शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए। यदि पुख्ता परिस्थितियों के कारण शिष्टाचार शून्य है, तो यह भारत के लिए शर्मनाक है।”

  • रयास् ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से एक आधिकारिक शिकायत पंजीकृत करने का आह्वान किया।
  • उनका आरोप था कि “इंडिया युद्ध के अभ्यास के बाद नहीं, बल्कि ‘शिष्टाचार पर अनिच्छा’ के कारण आपसी संवाद को रोक रहा है।”
  • “यदि पाख्लाम की घटना से राजनीतिक असंतोष है, तो इसे खेल के मैदान पर लाना अनुचित है।”

साहब के विधान में उसी दिन, पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शौक़ इकर उसके घटना पर टिप्पणी करते हुए: **“मैच को राजनीतिक रीति से बाँधो मत, बस शिष्टाचार दिखाओ।”**

राजनीतिक पृष्ठभूमि और पाख्लाम टेरर आक्रमण

भारत की जीत के पीछे 26 भारतीय पर्यटकों की भयंकर हत्याएं पाख्लाम में हुईं, जिसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंडूर के तहत सीमा पर कड़ी सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों का आह्वान किया।

ऐतिहासिक रूप से, भारत-पाकिस्तान सीमा पर घटनाएँ शिष्टाचार को प्रभावशाली बनाती हैं। पिछले वर्ष के दूसरे एशिया कप में भी पुख्ता दुश्मनी के बावजूद दोनों टीमों ने कुल 6 शौक़ीन शिष्टाचार को संतुलित किया। लेकिन वर्तमान हालात में पाख्लाम में हुई घटना ने शिष्टाचारों को बिगाड़ा है।

दर्शकों और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

ट्विटर और इंस्टाग्राम पर “#NoinHandshake” नामक ट्रेंड ने 1.2 मिलियन से अधिक ट्वीट्स के साथ 90% की पॉज़िटिव रेटिंग दिखाई। पुख्ता प्रशंसक इस पर ध्रुवीकरण करके भारत के प्रति झुकाव और पाकिस्तान के प्रति असहमत दोनों भागों को दिखाया।

यूट्यूब लाइव स्ट्रीम में इंडो-पाक दो लड़ाई के दौरान 3.8 मिलियन दर्शक जुड़ गए, अधिकतर युवाओं ने वीडियो में “हैंडशेक की अपील” की शर्तें पूछी।

स्केल चैट में प्रमुख टिप्पणी इस प्रकार थी: **“अगर हम शिष्टाचार नहीं देखते हैं, तो इससे हमें दोनों देशों की सांस्कृतिक पहचान पर सवाल उठेंगे।”**

भविष्य की संभावनाएँ और निष्कर्ष

आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, अगले रविवार को होने वाला सुपर फ़ोर मैचीत, बोर्डिंग ऊर्जा में अब भी शिष्टाचार को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है या नहीं, तभी यह निर्णय होगा। किसी भी पारस्परिक संवाद के अभाव में यह संकेत मिलता है कि पाख्लाम का सवाल क्रिकेट में अनवरत बहस बना रहेगा।

भारत पर उभरते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शैक्षणिक क्षेत्र के लिए ट्रेज़री के बावजूद, यह घटना उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर असर डाल सकती है जो भारत व पाकिस्तान दोनों के खेलकूद कार्यक्रमों का अनुसरण करते हैं। इसलिए, शिष्य विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे खेल और राजनीति के बीच स्पष्ट सीमाएं बनाए रखें।

अंत में, रयास् तालिफ ने दिया चेतावनी के साथ कहा, “यदि यह शिष्टाचार पर बहस जारी रहे, तो खेल के मैदान पर वास्तविक युद्ध की ओर बढ़ सकते हैं।” शासकीय संगठनों और क्रिकेट प्रशंसकों को इस तरह की टिप्पणियों से सतर्क रहकर एक नई नीति बनानी चाहिए जिसमें शिष्टाचार के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा का सर्वोच्च स्थान हो।

नमस्कार! मैं प्रवीन कुमार, एक पत्रकार और लेखक हूं। मैं राजनीति, मनोरंजन, खेल और तमाम बड़ी खबरों पर लिखता हूं। मेरी कोशिश रहती है कि आपको सही और सटीक जानकारी सरल भाषा में मिले।

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