कश्मीर में दहशतगर्दों का खौफ: डोंबिवली के हेमंत जोशी की छुट्टियों में हुई मौत, परिवार पर मंडराया सदमा!

कश्मीर में दहशतगर्दों का खौफ: डोंबिवली के हेमंत जोशी की छुट्टियों में हुई मौत, परिवार पर मंडराया सदमा!

कश्मीर की सैर बनी अंतिम यात्रा

डोंबिवली के हेमंत जोशी अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उनका बेटा ध्रुव 10वीं की परीक्षा पास कर चुका था, इसलिए पूरा परिवार खुशी मनाने पहलगाम पहुंचा। लेकिन यह ट्रिप उनकी जिंदगी का आखिरी सफर साबित हुआ। दहशतगर्दों ने उन पर गोलियां बरसा दीं और हेमंत की मौत हो गई।

क्या हुआ था हमले में?

पहलगाम में हुए इस हमले में तीन और लोगों की जान गई:

– अतुल मोने (डोंबिवली)
– संजय लेले
– पुणे के 2 और नवी मुंबई के 1 शख्स

हेमंत अपनी पत्नी मोनिका और बेटे के साथ वहां मौजूद थे। बेटे की परीक्षा खत्म होने पर ही उन्होंने यह ट्रिप प्लान किया था।

परिवार और पड़ोसियों पर गहरा सदमा

हेमंत डोंबिवली के सावित्री बिल्डिंग में रहते थे। उनकी मौत की खबर सुनकर पूरे इलाके में मातम छा गया। पड़ोसी प्रमोद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने हेमंत को मैसेज किया था, लेकिन वह डिलीवर नहीं हुआ।

कैसे मिली मौत की पुष्टि?

पड़ोसी पांचपांडे ने हेमंत के ससुर से बात की। ससुर ने बताया कि ध्रुव ने शाम 5 बजे ‘हम सब सुरक्षित हैं’ का मैसेज भेजा था। लेकिन इसके कुछ ही देर बाद हेमंत की मौत की खबर आ गई।

लोगों में गुस्सा और डर

इस घटना ने लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं:

– क्या भारत में आम लोग सुरक्षित हैं?
– कश्मीर में पर्यटकों पर हमला क्यों हो रहा है?
– सरकार दहशतगर्दों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं करती?

परिवार पर क्या बीती?

हेमंत की पत्नी और बेटा इस हादसे से सदमे में हैं। पूरा परिवार खुशी-खुशी छुट्टियां मनाने गया था, लेकिन अब उनके सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

क्या कह रहे हैं लोग?

सावित्री बिल्डिंग के रहने वालों ने इस हमले का विरोध किया है। वे चाहते हैं कि सरकार दहशतगर्दों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। लोगों का कहना है कि अगर पर्यटक सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो कोई कश्मीर क्यों जाएगा?

कश्मीर में दहशतगर्दों का खौफ: डोंबिवली के हेमंत जोशी की छुट्टियों में हुई मौत, परिवार पर मंडराया सदमा!

आगे क्या?

इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा के सवालों को उठा दिया है। लोग चाहते हैं कि सरकार कश्मीर में सुरक्षा के इंतजाम और मजबूत करे। ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।

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