अनुराग कश्यप ने कहा: विराट कोहली का बायोपिक नहीं, शाहरुख की सराहना भी
अनुराग कश्यप ने बॉलिवूड के आज के चर्चित विषयों पर बयान देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वे विराट कोहली पर बायोपिक नहीं बनाना चाहते, शाहरुख खान को सम्मान देते हैं और आलिया भट्ट की प्रशंसा करते हुए उसकी फिर से परिभाषित भूमिका की तारीफ की—सभी टिप्पणियाँ आज श्रृंगार करती हैं फिल्म निर्माण की नई दिशा को।
अनुराग कश्यप का वाइराट कोहली बायोपिक पर निर्णय
फ़िल्म डेवलपर और एक्शन प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप, जो अपने दिग्दर्शकीय उपक्रम निसाचि के साथ अभी भी प्रमोशन कर रहे हैं, ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि उन्हें विराट कोहली पर एक बायोपिक बनाने का प्रस्ताव मिला तो भी वे उसपर काम नहीं करेंगे। ऐसी बात सुनकर फ़िल्म प्रेमी और आर्टिस्टिक सर्कल के भीतर चर्चा हुई, क्योंकि कई लोग सोचते हैं कि कश्यप का कठोर सिनेपैशन और स्पष्ट कहानी शैली एक क्रिकेटर की कहानी को भी प्रभावित कर सकती है।
“मैंने इस पर सोचने का मौका लिया है और मैंने फैसला किया है कि अगर यह प्रोजेक्ट किसी भी रूप में आता है तो मैं उसमें शामिल नहीं होऊंगा,” कश्यप ने फ़िल्म ग्यान से बात करते हुए कहा। “विराट कोहली का नाम और उनकी कहानी सभी के लिए प्रेरणा है, परंतु मैं चाहूँगा कि कहानी में कुछ नया और अनूठा पेश हो।”
कश्यप के शब्दों के प्रमुख बिंदु:
- कहानी चुनने में चुनौती: “मुझे लगता है कि हर बायोपिक को एक अलग कोण से देखना चाहिए, ताकि वह सामान्य न बने।”
- व्यक्तिगत संवेदनशीलता: “मैंने विराट को जला जाना है, इसलिए व्यक्तिगत रूप से उनके साथ सहज महसूस करता हूँ, पर वहीं मैं उन्हें पचाने के अनुसार कहानी बदलना कठिन समझता हूँ।”
- संगीत और दृश्यमानता: “अगर मैं एक बायोपिक बनाऊँ तो मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि इसमें संगीत, लाइटिंग और कैमरे का प्रयोग एकजुट हो।”
साक्षात्कार में,onमैं बस यह कह सकता हूं की यदि कोई वास्तविकता और भावनात्मक गहराई की बात होती है तो मैं उसे पसंद करता हूं। पर सही दिशा में एक विशेष चुनौतियाँ भी होती हैं।
क्यासी के इस बयाने से चर्चाएँ उत्पन्न होती हैं कि क्या किसी भी समकालीन खेल सितारे पर बायोपिक बनाना फ़िल्मी जिज्ञासा और हित को संतुलित करता है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि कश्यप की ये टिप्पणियाँ, फ़िल्म जिज्ञासाओं के लिए उपयुक्त हो सकती हैं, जिसमें भारतीय ब्रेन स्टूडियो जैसे वेस्टर्न स्टूडियो के साथ संपर्क भी शामिल हैं।
शाहरुख खान की प्रशंसा और परिप्रेक्ष्य
अनुराग कश्यप ने शाहरुख खान के साथ अपनी कार्यशील संबंधों को भी चर्चा में लिया। उन्होंने बताया कि शाहरुख खान ने उन्हें सैकिर गीक्स और एसक्यू के बारे में खास तौर पर प्रोत्साहन दिया है। “जब भी मैं आपके साथ काम करता हूं, वे एक नया वाइब लेकर आते हैं, जिससे कहानी में जीवन आता है।”
कश्यप के शब्दों में शाहरुख खान ने अपने प्रशंसात्मक उत्साह के साथ कहा, “आपका नया सशक्त दृश्यमान और कहानियों के लिए समर्पण हमें प्रेरित करता है। आपके साथ काम करने का अनुभव एक नया मोड ला देता है।”
इंटरव्यू में कश्यप ने यह भी उल्लेख किया कि शाहरुख खान ने फिल्म उद्योग में कुछ नया कदम बढ़ाया जब वह स्वयं को “सभी को दिखाने” के लिए देरत-अलग आयामों में दिखाई देते हैं। इसको कश्यप ने “ऊर्जा और वैभव” के उत्कर्ष स्वरूप बताया।
अली भट्ट: सांस्कृतिक परिवर्तन की प्रतीक
अनुराग कश्यप ने अलिय भट्ट की ज़िंदगी पर अपनी दृढ़ दस्ताने लगाई और बताया कि कैसे वह “पारिवारिक बंधनों को मात देती हैं, अपनी शिक्षा और ज़िंदगी के साथ अनुकूलन करती हैं।” “वह ना केवल फिल्मी ऊडी चाहती हैं, बल्कि वह जबरदस्त महत्व रखती हैं।”
यह सत्य है कि कश्मीर का दिग्दर्शक लोगों को यह स्पष्ट करते हैं कि किस तरह से महिला अभिनेता को अपनी निजी ज़िंदगी में संभव नहीं होना चाहिए। उसने तौर-तरीके स्टैंड, संकल्प, बढते हुए कदम, और बहुत कुछ।”
कस्यप की मनोवैज्ञानिक टिप्पणियाँ हैं:
- आत्मनिर्भरता: “अली भट्ट अपने क़हानियों को अलग तरह से व्याख्या कर रही हैं।”
- संरचना: “साज़-समायोजित – वही बातें जो करें कि अपनी जननी को डेटा रिप्ले कर सकती हैं।”
- सामरिक सफलता: “साइलू के रूप में कहानियाँ जो स्वयं करें वरीयता।”
सभी के बीच निमरीया: निसाचि के साथ फ़िल्मी लिंगन
अनुराग कश्यप की आगामी फ़िल्म निसाचि के प्री-लॉन्च इभेंट में यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने अपने फ़िल्मी यात्रा के अगले अध्याय के लिए रचनात्मकता को धरती देता है। फ़िल्म अपने कथानक में पेरफॉर्मर के समझदारी से बताता है, जिसमें गहरे संबंध, ऐतिहासिक रिथम और रोमनमुकाबला है।
कश्यप ने घोषणा की कि निसाचि का रिलीज़ 19 सितंबर को होगा और यह युवा पहचान, राजनैतिक परिदृश्य और सामाजिक संघर्ष को सम्मिलित करेगी। फ़िल्म के यूट्यूब में वीआईपी होस्ट्स के साथ दिल्ली में कुल 2 दिहाड़ी की श्रृंखला बेहतरीन होगी।
इसके अतिरिक्त, भाई के बार्डन में वेंन्टर के साथ कसरद की क्याम्पेन योजना बनाई है।
बाज़ार की आशा और दर्शक प्रतिक्रिया
भविष्य के फ्लक्चर वर्दियों के कारण, फ़िल्म की बेच में इंटर्बैलेंस क्ये जनाधिकार केन्द्रित है। फ़िल्म की संभावितताएं एमपीबी के अंतर्गत इम्बिज़िरा को उत्थान करती है।
अनुराग कश्यप के बयानों और फ़िल्मी परियोजनाओं के बारे में चर्चा जारी है, और यह बताता है कि डिजिटल सिनेप्ले और भारतीय फ़िल्म उद्योग में कितना आकलन और क्रॉफ्ट आवश्यकता है। इस दौरान फ़िल्मी दृष्टिकोण के लिए तैयारी, गॉडबिस्टिक रूप से फाइनल चलती है, जबकि दर्शकों को बिना डिक्रिप्शन वाले इंस्क्रेंटिंग सिस्टम के इंतजार में रखते हैं।
क्यासी के शब्दों से ਦਰशक किस प्रकार _तेज़तर और ज्यादा सच्चे स्ट्रीमिंग मॉडल्स_ के दावों के साथ बढ़ते हैं, यह बताता है कि फिल्म उद्योग में महत्व की रूपकात्मक पधार हैं और डिजिटल व्यासायिक हरिस्पद अभिनव को “गर्ली ” की भूमिका के लिए दर्शाता है।
इस सभी आधार पर, अनुराग कश्यप के निर्णय, शाहरुख खान से प्रशंसा पत्र, अलिया भट्ट के पुनः असमानक फ़िल्मी कथानक और निसाचि की ओर बद्ध फैणस का मेहराब हमारी सांस्कृतिक पटल को स्पष्ट रूप से चढ़ाता है। फ़िल्म और गतिकाक्षमताओं से इस परिवर्तन के संगकण के चलते, देखने वाले नयी प्रेरणा के साथ प्रकाशित होते हैं।
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