हैंडशेक गेट: भारतीय कप्तान की शिनायती निंदा से बनी भारत-फीस्टींसिया में नई दीवार
नई दिल्ली –डुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में आज भारत-फीस्टींसिया मैच के बाद एक राजनीतिक तनाव की छाया फली, जब भारतीय कप्तान सुर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान के खिलाड़ी को हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। यह घटना “हैंडशेक गेट” के रूप में जानी जा रही है और इससे भारत फिक्ष्टींसिया हस्तांदोलन विवाद पर गहरी कूटनीतिक चर्चा शुरू हुई है।
इवेंट का सारांश
भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराकर एशिया कप की यह बैठक जीत ली, लेकिन मैच समाप्ति के बाद लगभग दस सेकंड में इंटीरियर्स पर एक सिरोंड्र है कि्चर हो गया। पारी में चढ़ाई करते हुए सुर्यकुमार ने 47* के शानदार इनिंग के बाद विकेट लेने के बाद केवल अपने साथियों शशंक दुबे और मिहिर शुक्ला से ही हाथ मिलाए, फिर तुरंत ड्रेसिंग रूम के लिए निकल गए। पाकिस्तान के खिलाड़ी, विशेषकर कप्तान सलमान अली अघा, को किकु शौक के साथ यह रुख स्वीकार करना पड़ा।
पाकिस्तान हेड कोच माइक हेन्सन ने बाद में दावा किया कि “हम टीम पूरी तरह तैयार थी हाथ मिलाने के लिए, पर विपक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया। इससे हमें मैच के बाद के शिष्टाचार में खेद हुआ।”
अन्य प्रोफेशनल फुटबॉल में भी यह घटना एक आख्यान बन चुकी है। पाब्लो गिमेनेज़, पहला यू.एस. फुटबॉल प्रॉडक्शन के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, एक संदर्भ कहा, “यही वह स्थिति है जहां खेल और राजनीति एक साथ मिलते हैं।”
साक्षात्कार & प्रतिक्रियाएँ
सुर्यकुमार यादव ने अपनी टीम मनव में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा: “सभी निर्णय भारतीय खेल शासन के निर्देश पर थे। हम पहारगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुट खड़े हैं। आज की जीत को हम अपनी बलूऔर फौजों को अर्पित करते हैं।”
पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली अघा ने अभी तक अपने देश में ना आने के लिए औपचारिक मंहाफा नहीं दिया है, पर मीडिया को बताया कि यह निर्णय “किसी नागरिकों के लिये असुरक्षा नहीं पैदा करेगा”।
माइक हेन्सन ने शेख हस्सब को से कहा, “इस पोस्ट मैच संवाद में आपकी सूक्ष्मता को सराहा जाता है, पर यह पुनः राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय को उजागर कर रहा है।”
- सुर्यकुमार यादव का बयान – “सफलता का जश्न साथियों के साथ करना हमारा सौभाग्य है।”
- सलमान अली अघा का निषेध – “हम टीम वर्क और समर्पण के प्रतीक हैं।”
- माइक हेन्सन का दृष्टिकोण – “हमें चाहिए अधिक संवाद और तनाव कम करना।”
कूटनीतिक परिणाम
पाकिस्तान ने आज इस विवाद को नया नाम तभी दिया: भारत फिक्ष्टींसिया हस्तांदोलन विवाद। यह कथित विवाद, पूर्व में इंडिया-फीस्टींसिया “हैंडशेक गेट” को लेकर सम्बंधित वरेंगमी अनुसंधान और ओरिनो फोरम से बयान मिला।
कई समाजशास्त्रीय विश्लेषणों के अनुसार, खेल को दखलीखडातन द्वारा नियंत्रित करने की इस घटना से अनुभव ये है कि खेल हवा में नीति की चिरस्थायी शाखाई की है। जल्द क्या कथित है, इसके 34 महीनों के बाद भी दूरी बढ़ चुकी है, विशेषकर कश्मीर पर हुए पहारगाम नेतृत्व से संबंधित अपराध विवाद को लेकर।
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया “यह विवाद हमारी नीति, संगंठन और राष्ट्रीय हित के खिलाफ नहीं बल्कि राष्ट्रीय हित की गहरी सीध में है।” इसी प्रकार पाकिस्तान विदेश विभाग ने कहा कि उनकी उच्चतम सरकार ने भारत की निर्णय को प्रतिक्रिया के रूप में जवाब दिया, परन्तु फिलहाल कोई वैधानिक कदम नहीं उठाया गया है।
भविष्य के लिए संकेत
इस विवाद से यह स्पष्ट हो गया है कि खेल की सीमाएं केवल स्टेडियम तक सीमित नहीं हैं। क्रिकेट मैदानों पर दबाव का मुक्ता हस्तांदोलन घटना के चलते विश्व क्रिकेट काउंसेल और संगठित मैचों की नयी नीतियों पर वार्ता चल रही है।
इंडियन वाटर टाइटिन्स के डिप्टी जनरल ने कहा, “किसी भी भविष्य के खेल में ‘हाथ मिलाने’ के एटिकेट को स्पष्ट रूप से लिखित नीति के रूप में बद्ध करने की आवश्यकता है।” यह व्यवस्था खेल के जंगमीकृत पक्षों की पहचान कर सकती है और दोहरी दूरी परखी जा सकती है।
अंततः भारत फिक्ष्टींसिया हस्तांदोलन विवाद ने हमें दिखाया कि जबकि क्रिकेट एक खेल है, वह राजनीतिक आधार पर रुख भी रखता है। यह घटना सेस्विक और यथार्थ में संघर्ष के लिए नयी सीढ़ी तैयार हो रही है जहाँ अलग-अलग राष्ट्रीय हित और खिलाड़ियों के बीच प्रतिरोध के मोर्चे पर समाधान की खोज चल रही है। इस निष्कर्ष पर भारतीय और पाकिस्तानी दोनों पक्षों को यह अनुशंसा की जाती है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक संयुक्त कूटनीतिक योजना तैयार की जाए।
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