पाकिस्तान का विरोध: भारत-इंडिया मैच में हैंडशेक विवाद ने गहरा विवाद पैदा किया
Dubai, 15 सितम्बर 2025 – आज का एशिया कप MS D ला मैच इंडिया‑पाकिस्तान के बीच बदनाम हैंडशेक विवाद क्रिकेट ने न केवल खिलाड़ियों के बीच की प्रतिद्वंद्विता को तीखा बनाया, बल्कि भारतीय व पाकिस्तान दोनों के प्रशंसकों की भावनाओं पर भी गहरा असर डाला। सामूहिक रूप से उद्घोषित शांति को टकराव ने बदल दिया और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने शिनार्थी मामला दायर कर दिया है।
संकट की शुरुआत: डुबई में अनोखा मोमेन्ट
मियू इंडियन बॉलिंग में जीत के बाद, कप्तान सुर्यकुमार यादव ने अपनी टीम के साथी शिवम दुबे के साथ ही हाथ मिलाया, जबकि पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली अगा ने बुलाई हुई स्वीकृति से इनकार कर दिया। मैच का अधिकारी, एनडीपी (एरी ने) पाईक्रॉफ्ट ने, टॉस के दौरान सलमान अली को सावधानीपूर्वक सुझाव दिया कि हो सकता है कि भारतीय कप्तान से हाथ मिलाने से बचें। इस हस्तक्षेप से एक उपयुक्त बहस शुरू हो गई।
- सुर्यकुमार यूएसएस के साथ 34 रन के अंतर से जीत रहे हैं।
- पाकिस्तान टीम ने संयुक्त राष्ट्र की टाइमलाइन के अनुसार 2 पारी में 210 रन फौल्ड किये।
- विरोध के बाद, सलमान अली ने मैच के बाद के प्रेस कॉन्फ़्रेंस से इनकार किया।
मैच के तुरंत बाद, सुर्यकुमार ने पोस्ट‑मच प्रजेंटेशन में अपने बयान में कहा, “हमारी सरकार और बीसीसीआई की व्यवस्था के अनुसार, हम केवल क्रिकेट खेलने आए हैं।” इस लाइन ने चौंकाते हुए भारतीय प्रशंसकों और विपक्षी मीडिया का सारा ध्यान खींचा।
प्रतिक्रियाएँ: पाकिस्तान का भारी दावे और भारतीय रुख
PCB ने तत्कालीन प्रेस रिलीज़ में दावा किया, “हमारा व्यवहार खेल की भावना के खिलाफ है।” और बोला, “सलमान अली ने प्रदर्शनी कार्यक्रम को छोड़ दिया क्योंकि यह घटना भारतीय प्रधान से जुड़ी थी।” साथ ही, उन्होंने इंगित किया कि क्रिकेट खुशी के लिए है, न कि राजनीतिक या सामाजिक मुक़ादमे के लिए।
बीसीसीआई द्वारा जारी किये गये बयान में लिखा था, “अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियमों के अनुसार, दोनों टीमों के कप्तानों को शिष्टाचार से हाथ मिलाना होता है। हालांकि, यह एक परंपरा है और इसे निभाने के बावजूद, हम तनाव को स्वीकार करते हैं। राष्ट्रों के बीच अनुशासन और शिष्टाचार को स्वस्थ रखने के लिए एक नई शैली की बातों का प्रस्ताव रखे जाते हैं।”
सुर्यकुमार यादव ने ट्विटर पर लिखा, “हैंडशेक विवाद क्रिकेट” की सूक्ष्मता है, “कुछ मुद्दे खेल से ऊँचे हैं। हमें अपने प्रिय सैनिकों के लिए दिल से तैयार हो।”
अंतरराष्ट्रीय छात्र दृष्टिकोण: क्रिकेट और संस्कृतियाँ
यह मामला केवल दो देशों के बीच का टकराव नहीं है—यह एक अंतरराष्ट्रीय छात्र भी स्थिति का दर्पण है। भारत और पाकिस्तान के लाखों विद्यार्थी आजगुदाम, शेखा और अन्य आयरवेदिक विश्वविद्यालयों में एक साथ हैं।
- विश्वविद्यालयों में खेल सुविधा और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से छात्रों को अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाए रखने का मौका मिलता है।
- क्रिकेट, जो वैश्विक स्तर पर भारत और पाकिस्तान की प्रमुख खेल है, सांस्कृतिक आदान‑प्रदान का एक प्लेटफ़ॉर्म बन सकती है।
- अंतरराष्ट्रीय छात्रों को इस तरह के विवादों में समझदारी से भाग लेने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिष्टाचार अपनाने की ज़रूरत है।
आइए आप आज इसे कैसे लागू कर सकते हैं:
- शिकायत या विवाद का सामना करते हुए, अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखें, और हमेशा अपने विश्वविद्यालय के इंटर-कल्चरल क्लब या छात्र प्रतिनिधियों से सलाह लें।
- सफलता के बाद, किसी के साथ और किसी टीम के साथ हाथ मिलाता समय पर, अपने कम्प्रेशन को प्रदर्शित करने के चूँकि की पोज़िशन रखें।
- प्रतिद्वंद्वी छात्रों के साथ, खेल के प्रबंधन, इवेंट, और विद्या कार्यक्रम में अच्छा सम्बन्ध रखें, जिससे आगे के लिये एक सहज संबंध बने।
महत्वपूर्ण आँकड़े: 2018‑19 के आँकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 6% से अधिक छात्र क्रिकट खेलते हैं और 30% धावकों के बीच अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के टिकट खरीदते हैं। 2024 में, 28% विश्वविद्यालयों ने खेल गतिविधियों के दौरान ‘सांस्कृतिक शिष्टाचार” कार्यक्रम चलाये।
भविष्य का परिदृश्य: नियम, विरासत और शीतलता
इस आयरवेड के बाद, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने सुझाव दिया है कि ख़ासकर “बोल्डर” और “जोन” की बारी (T20, ODI, चैम्पियनशिप) पर एक ‘व्यक्तिगत हैन्डशेक नियम’ को लागू करने पर पुनर्विचार किया जाए। यह नियम हस्ताक्षर के रूप में लक्षित हैं: एथेलेनिक खिलाड़ी, एथिक लार्जिक्रिया और कैप्टेनशिप के अस्तित्व के लिए चिन्दैन कोई बदलाव नहीं ।
इस बहस के बीच, दोनों पक्षों द्वारा के आग्रह के मामलें में , कुछ विशेषाभिमुख फीचर्स को डिज़ाइन किया गया है:
- आधारित मूल्यांकन और फज़र विशिष्टता वाले ‘मैनुअल स्कोरिंग’ प्रणाली।
- एक विस्तृत ‘क्रिकेट फैमिली लॉ” जिसे शिक्षा स्तर के वातावरण में इस्तेमाल किया जाए।
- रूस्टर से अलग “ऑर्गनोज़” से निम्न लिंग और राष्ट्रीय वर्कफ़्लो।
इस संघर्ष से सिखे जाने वाले प्रमुख दो पाठ:
- खेल हमेशा-साथी के बीच शिष्टाचार और संवेदनशीलता की एक अनोखी कहानी रखता है, जहां संस्कृति को संवर्द्धित करने की जगह नहीं होती।
- सभी पहलू में विकलांगता से निपटने के लिए एक साक्षर, समान और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त मंच बनाना, जिसमें सभी आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग लेकर खेल विषयक व्यवहार को भी प्रशंसित किया जा सके।
संकट के पार, मुंबई के नवीनतम वेब एटॉर के अंतर्गत दूनों जिम्मेदारियों का सामना कर रहा है कि वे अपने कौशल और मित्रता को अत्यंतु नयी दिशा देते हुए भविष्य में भी विरोध के बिना एक सकारात्मक खेल संस्कृति को राज़ न दें। 2025 के इस एशिया कप मैच ने वैश्विक स्तर पर ‘हैंडशेक विवाद क्रिकेट’ की अहमियत को स्पष्ट कर दिया है और अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एक अनूठी जिंदगानी दिलाई है, जो परंपरा और वैश्विक समानुभूति के बीच की संगम सूचक सार्थक प्रतिपादित करता है।
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