4.5 लाख टिकट‑रहित यात्रियों को पकड़ा, 36 WR कर्मचारी सम्मानित – मुंबई केंद्रीय विभाग ने नया रिकॉर्ड बनाया

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मुंबई के पश्चिम रेलवे (WR) के केंद्रीय विभाग ने पिछले पाँच महीनों में 4.5 लाख टिकट‑रहित यात्रियों को पकड़ा है, जिससे यह रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन हुआ है। उसी के साथ, विभाग ने 36 टिकट‑चेकिंग कर्मचारियों को उनकी बेहतरीन कार्यसिद्धि के लिए सम्मानित किया है। यह उपलब्धि रेलवे टिकट चेकिंग प्रोत्साहन प्रोग्राम की ताकत का प्रमाण है, जिसने कर्मचारियों की प्रेरणा और चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाई है।

रिवाज से हटकर नई रणनीति: टिकट‑रहित यात्रियों में उछाल की रोकथाम

मुंबई केंद्रीय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पंकज सिंह ने रविवार को दस्तावेज़ और पुरस्कार समारोह में घोषणा की कि अप्रैल से अगस्त 2025 के बीच 4.50 लाख से अधिक टिकट‑रहित यात्रियों को पकड़ लिया गया। यह संख्या पहले के सभी रिकॉर्ड से कहीं ऊपर है। उसी अवधि में विभाग को टिकट‑चेकिंग से ₹40 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष के ₹31 लाख से लगभग 30% अधिक है।

“इसी समय के दौरान हमने ‘टिकट‑चेकिंग प्रोत्साहन’ प्रोग्राम को व्यापक रूप से लागू किया, जिससे कर्मचारियों में स्वच्छता और जिम्मेदारी की भावना जागृत हुई,” पंकज सिंह ने कहा। “हमारा मुख्य लक्ष्य यात्रियों को यह समझाना है कि बिना टिकट के यात्रा करना अनुचित और अवैध है।”

मौखिक और फॉर्मल प्रोत्साहन के अलावा, विभाग ने मोबाइल एपीआई के माध्यम से रियल‑टाइम ट्रैकिंग, डेटा एनालिटिक्स और सोशल मीडिया अलर्ट का भी उपयोग किया है। इससे विभाग को यह पता चलता है कि कौनसे स्टेशन और कब सबसे ज्यादा टिकट चेकिंग समस्या उत्पन्न होती है, जिससे संसाधनों का सही आवंटन संभव होता है।

कर्मचारी प्रोत्साहन: ‘टिकट‑चेकिंग प्रोत्साहन’ की कहानी

पहले प्रस्तावित प्रोत्साहन योजना को कर्मचारियों के बीच सुनियोजित परिवर्तनों के बाद अलग दृष्टिकोण मिला। नई योजना में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:

  • उच्चतम राजस्व अर्जित करने वाले कर्मचारियों के लिए विशिष्ट नकद बोनस तथा पदों पर पदोन्नति की संभावना।
  • कर्मचारियों को दिए जाने वाले उपलब्धि प्रमाणपत्र और सार्वजनिक मान्यता, जिसे विभाग के अधिकृत वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है।
  • टीम वर्क के लिए टीम प्रतियोगिता, जिसमें सबसे तेज़ और सबसे सटीक टिकेट चेकिंग करने वाली टीम को अतिरिक्त अवकाश और नकद पुरस्कार मिलते हैं।
  • रोज़गार में विविधता के लिए महिलाओं के लिए विशेष रूप से नियुक्त टिकेटिंग टीम, जिसे ‘लैडिज़ टिकट‑चेकिंग स्क्वाड’ कहा जाता है।

कुल मिलाकर 36 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया, जिनमें से प्रमुख नामों में क.के. सिन्हा (डिप्टी चि. टिकट इन्स्पेक्टर, उधना) और दीपक एस. सप्कले (डिप्टि चि. टिकट इन्स्पेक्टर, सूरत) शामिल हैं। सिन्हा ने ₹45 लाख से अधिक और सप्कले ने ₹35 लाख से अधिक राजस्व कमा कर विभाग में सर्वाधिक योगदान दिया।

“ये पुरस्कार सिर्फ़ नकद की बात नहीं है; बल्कि यह कर्मचारियों के व्यावसायिक विकास और प्रेरणा का प्रतीक है,” पंकज सिंह ने जोड़ा।

लैडिज़ टिकट‑चेकिंग स्क्वाड का प्रभाव

मुंबई केंद्रीय विभाग की महिला टिकेटिंग टीम, जिसे ‘लैडिज़ टिकट‑चेकिंग स्क्वाड’ कहा जाता है, में दो टीमों के 10-10 सदस्य शामिल हैं। इस टीम ने अप्रैल से अगस्त के बीच 38,400 से अधिक टिकट‑रहित यात्रियों को पकड़ा और लगभग ₹1 करोड़ का राजस्व उत्पन्न किया।

“हमारी टीम ने एक विशेष शैक्षिक कार्यक्रम के माध्यम से यात्रियों को टिकट की महत्ता के बारे में जागरूक किया। यह ज्ञानपूर्ण प्रयास खासकर महिलाओं के लिए सामाजिक दायित्व और सुरक्षा बढ़ाने में मददगार साबित हुआ,” टीम लीडर शीला सकुर ने कहा।

शीला सकुर ने व्यक्तिगत रूप से ₹7 लाख का राजस्व कमा कर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरी हैं।

निष्कर्ष: टिकेट चेकिंग प्रोत्साहन का दीर्घकालीन लाभ

यह नया रिकॉर्ड न केवल पश्चिम रेलवे के लिए एक खाका प्रस्तुत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जब सरकार और कर्मचारी एकजुट होकर प्रयास करते हैं, तो सामाजिक और आर्थिक दोनों पक्षों में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। टिकट‑चेकिंग प्रोत्साहन प्रोग्राम के माध्यम से आशा की किरण यह है कि नियमानुसार यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ेगी और अनियमित यात्रा करने के मामले घटेंगे।

इसी रणनीति को अन्य रेलवे विभागों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे पूरे भारत में टिकेट चेकिंग की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी। यह न केवल राजस्व में वृद्धि करेगा, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था में भी योगदान देगा।

ये उद्घाटन आँकड़े प्रकट करते हैं कि प्रोत्साहन, शिक्षा और नवीनतम प्रौद्योगिकी के मिश्रण से रेलवे नेटवर्क अधिक सुरक्षित और संवैधानिक हो सकता है।

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